धर्म -आध्यात्म , भक्ति -आराधना से सम्बन्धित चित्र
शुक्रवार, 4 मार्च 2016
श्री हनुमान चालीसा-6
श्री हनुमान चालीसा
6.
शंकर-सुवन केशरी-नन्दन ।
तेज प्रताप महा जग-वंदन ॥
श्री हनुमान चालीसा-5
श्री हनुमान चालीसा
5.
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
श्री हनुमान चालीसा-4
श्री हनुमान चालीसा
4.
कंचन बरण बिराज सुबेशा ।
कानन कुंडल कुंचित केशा ॥
श्री हनुमान चालीसा-3
श्री हनुमान
चालीसा
3.
महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥
हनुमान चालीसा -२
2.
रामदूत अतुलित बलधामा ।
अंजनि-पुत्र पवन-सुत नामा ॥
हनुमान चालीसा -1
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ।
जै कपीस तिहुँलोक उजागर ॥
गुरु नानक
नानक
अब मैं कौन उपाय करूँ ।।
जेहि बिधि मन को संसय छूटै
,
भव-निधि पार करूँ ।
जनम पाय कछु भलौ न किन्हों
,
तातें अधिक डरूँ ।।
गुरमत सुन कुछ ग्यान न उपजौ
,
पसुवत उदर भरूँ।
कह नानक
,
प्रभु बिरद पीछानौ
,
तब हौं पतित तरूं ।।
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