धर्म -आध्यात्म , भक्ति -आराधना से सम्बन्धित चित्र
शुक्रवार, 4 मार्च 2016
गुरु नानक
नानक
अब मैं कौन उपाय करूँ ।।
जेहि बिधि मन को संसय छूटै
,
भव-निधि पार करूँ ।
जनम पाय कछु भलौ न किन्हों
,
तातें अधिक डरूँ ।।
गुरमत सुन कुछ ग्यान न उपजौ
,
पसुवत उदर भरूँ।
कह नानक
,
प्रभु बिरद पीछानौ
,
तब हौं पतित तरूं ।।
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