धर्म -आध्यात्म , भक्ति -आराधना से सम्बन्धित चित्र
शनिवार, 5 मार्च 2016
सूरदास-मोहन मन मोह लियो
मोहन मन मोह लियो
ललित बेनु बजाई री ।
मुरली धुनि श्रवण सुनत
बिबस भई माई री ।।
लोक लाज कुल की
मरजादा बिसराई री ।
घर घर उपहास सुनत
नेकु ना लजाई री ।।
जप ताप बेदअरु पुरान
कछु ना सुहाई री ।
सूरदास प्रभु की लीला
निगम नेति गाई री ।।
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